क्रिकेट के सबसे यादगार शॉट्स और ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स

 

क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इस खेल के इतिहास में ऐसे कई पल आए हैं, जिन्होंने हमेशा के लिए अपनी छाप छोड़ी। कभी बल्लेबाज के दमदार शॉट्स, कभी गेंदबाज की घातक गेंदबाजी, तो कभी किसी खिलाड़ी का विश्व रिकॉर्ड – ये सब क्रिकेट को और भी रोमांचक बना देते हैं। इस आर्टिकल में हम उन 10 महान पलों और रिकॉर्ड्स पर नजर डालेंगे, जिन्हें हर क्रिकेट प्रेमी याद रखता है।

क्रमांक टॉपिक
1 सचिन तेंदुलकर का पहला शतक
2 कपिल देव की 175* पारी (1983)
3 वीरेंद्र सहवाग का ट्रिपल शतक
4 युवराज सिंह के 6 छक्के
5 राहुल द्रविड़ की 'दीवार' जैसी पारी
6 जैक्स कैलिस का ऑलराउंड प्रदर्शन
7 शेन वॉर्न की 'बॉल ऑफ द सेंचुरी'
8 ग्लेन मैक्ग्रा की सटीक गेंदबाजी
9 विराट कोहली की रन चेज मास्टरक्लास
10 एबी डिविलियर्स की 360° बैटिंग


11 एमएस धोनी का वर्ल्ड कप छक्का
12 यूसुफ पठान की सबसे तेज़ IPL सेंचुरी
13 क्रिस गेल की 175* T20 पारी
14 अनिल कुंबले की 10 विकेट वाली पारी

1. कपिल देव का 175* (1983 वर्ल्ड कप)

कपिल देव की 175 रनों की नाबाद पारी 1983 विश्व कप के इतिहास का अहम हिस्सा है। जिम्बाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम 17/5 पर संकट में थी, तभी कपिल देव ने क्रीज़ पर कदम रखा। उन्होंने अकेले दम पर 138 गेंदों में 175 रन ठोके और भारत को जीत दिलाई। यह पारी उस समय के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी। कपिल की इस पारी ने भारतीय टीम को टूर्नामेंट में बनाए रखा और आगे जाकर भारत ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया। यह न सिर्फ भारतीय क्रिकेट का टर्निंग प्वॉइंट था बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी।


2. सचिन तेंदुलकर का पहला दोहरा शतक (ODI)

सचिन तेंदुलकर ने 2010 में ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट का पहला दोहरा शतक लगाया। 200 रनों की इस ऐतिहासिक पारी ने उन्हें “गॉड ऑफ क्रिकेट” का दर्जा दिला दिया। इससे पहले कोई भी खिलाड़ी 50 ओवरों में दोहरा शतक नहीं बना पाया था। उनकी यह पारी क्रिकेट की सीमाओं को तोड़ने वाली साबित हुई और इसके बाद कई अन्य खिलाड़ियों ने भी यह कारनामा किया। लेकिन सचिन का यह रिकॉर्ड हमेशा पहला होने के कारण यादगार रहेगा।


3. एम.एस. धोनी का छक्का (2011 वर्ल्ड कप फाइनल)

2011 विश्व कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ भारत को जीत के लिए 4 रन चाहिए थे। धोनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर शानदार छक्का जड़कर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जिताया। यह छक्का भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे यादगार पल बन गया। उस शॉट के बाद धोनी का नाम “कैप्टन कूल” के रूप में अमर हो गया।

MS Dhoni hitting the World Cup winning six in 2011 final"



4. युवराज सिंह के 6 छक्के (2007 T20 वर्ल्ड कप)

2007 के टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाकर युवराज सिंह ने इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि टी20 क्रिकेट में कभी न भूलने वाली है। उस मैच में युवराज की 12 गेंदों पर 50 रन की पारी भी टी20 इतिहास की सबसे तेज फिफ्टी बनी। यह पल भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने वाला साबित हुआ।


5. ब्रायन लारा का 400* रन (टेस्ट क्रिकेट)

वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी खेली। उन्होंने 400* रन बनाकर न केवल रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि उसे अब तक कायम भी रखा। यह रिकॉर्ड 20 साल से अधिक समय से किसी बल्लेबाज के लिए अटूट है। लारा की यह पारी बल्लेबाजी की उत्कृष्टता और धैर्य का बेहतरीन उदाहरण है।


6. विराट कोहली का पीछा करने का रिकॉर्ड (Chase Master)

विराट कोहली को “चेज़ मास्टर” कहा जाता है। उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में 26 से ज्यादा शतक चेज़ करते हुए लगाए हैं। खासकर श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी पारियां यादगार हैं। कोहली का यह रिकॉर्ड उन्हें आधुनिक क्रिकेट का बादशाह साबित करता है। उनकी फिटनेस और निरंतरता उन्हें इस लिस्ट में खास बनाती है।

Virat Kohli playing his trademark cover drive"



7. क्रिस गेल का सबसे तेज T20 शतक (2013 IPL)

क्रिस गेल ने 2013 आईपीएल में पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ सिर्फ 30 गेंदों पर शतक ठोका। यह अब तक का सबसे तेज T20 शतक है। उस पारी में गेल ने 175* रन बनाए, जिसमें 17 छक्के और 13 चौके शामिल थे। उनकी पारी ने विरोधी टीम को पूरी तरह धराशायी कर दिया। गेल का यह रिकॉर्ड शायद ही कभी टूट पाए।


8. मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट (टेस्ट क्रिकेट)

श्रीलंका के दिग्गज गेंदबाज मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लिए। यह रिकॉर्ड किसी भी गेंदबाज के लिए असंभव जैसा लगता है। उनकी गेंदबाजी की विविधता और स्पिन का जादू बल्लेबाजों को हमेशा परेशान करता था। मुरलीधरन की यह उपलब्धि क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।


9. एबी डिविलियर्स की 360° बल्लेबाजी

एबी डिविलियर्स को “Mr. 360°” कहा जाता है क्योंकि वे मैदान के हर कोने में शॉट खेल सकते थे। उन्होंने 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ 31 गेंदों पर शतक जमाया, जो वनडे का सबसे तेज शतक है। उनकी यह बल्लेबाजी शैली ने क्रिकेट को नए स्तर पर पहुंचा दिया।


10. जावेद मियांदाद का आखिरी गेंद पर छक्का (1986)

ऑस्ट्रेलिया एशिया कप फाइनल (1986) में पाकिस्तान को भारत के खिलाफ 4 रन चाहिए थे। चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का जड़कर पाकिस्तान को ऐतिहासिक जीत दिलाई। यह शॉट भारत-पाक क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता का सबसे बड़ा पल बन गया।

11. एमएस धोनी का वर्ल्ड कप 2011 फाइनल का छक्का

भारत के क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार झलकियों में से एक वह क्षण है जब एमएस धोनी ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ आखिरी छक्का जड़ा। वानखेड़े स्टेडियम की भीड़, करोड़ों दर्शकों की धड़कनें और धोनी की शांत आंखें उस पल की खासियत थीं। उन्होंने न केवल कप्तानी में कमाल दिखाया बल्कि खुद आगे बढ़कर मैच खत्म करने की जिम्मेदारी ली। नुवान कुलसेकरा की गेंद पर लगाया गया लंबा छक्का भारतीय क्रिकेट की सबसे भावनात्मक तस्वीर है। इस एक शॉट ने 28 साल का इंतजार खत्म किया और भारत को दूसरी बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया। यह क्षण धोनी को हमेशा "कैप्टन कूल" और "फिनिशर" के रूप में यादगार बनाता रहेगा।


12. यूसुफ पठान की सबसे तेज़ IPL सेंचुरी

IPL में कई विस्फोटक पारियां देखी गईं, लेकिन यूसुफ पठान की 37 गेंदों पर शतक (2010, राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस) सबसे अलग रही। टीम का स्कोर मुश्किल में था, लेकिन पठान ने आते ही तूफानी अंदाज़ में गेंदबाजों की जमकर पिटाई की। छक्कों और चौकों की बरसात ने पूरे मैच का रुख बदल दिया। हालांकि उनकी टीम जीत नहीं पाई, लेकिन यह पारी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में आज भी जिंदा है। यूसुफ का यह शतक IPL इतिहास में सबसे तेज़ शतकों में से एक है। उनकी ताकतवर बल्लेबाज़ी ने यह साबित किया कि क्रिकेट में एक खिलाड़ी भी अकेले मैच को बदल सकता है। इस पारी के बाद यूसुफ को IPL का सबसे खतरनाक हिटर माना जाने लगा।


13. क्रिस गेल की T20 में 175* रन की पारी

T20 क्रिकेट की बात हो और क्रिस गेल का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। IPL 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हुए गेल ने पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ 175* रन बनाए। यह T20 क्रिकेट का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। उनकी पारी में 13 चौके और 17 छक्के शामिल थे। दर्शक और गेंदबाज दोनों गेल की बल्लेबाज़ी देखकर दंग रह गए थे। उन्होंने अकेले मैच का पूरा परिणाम बदल दिया। इस पारी के बाद गेल को "यूनिवर्स बॉस" कहा जाने लगा। उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है और T20 क्रिकेट की विस्फोटकता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

Chris Gayle celebrating fastest T20 century"



14. अनिल कुंबले की 10 विकेट वाली पारी

भारत के महान स्पिनर अनिल कुंबले का पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट (1999) में 10 विकेट लेना क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा कारनामा है। क्रिकेट में 10 विकेट अकेले लेने का रिकॉर्ड सिर्फ दो गेंदबाजों के नाम है – जिम लेकर और अनिल कुंबले। कुंबले ने पाकिस्तान की पूरी टीम को अकेले निपटा दिया। उनकी सटीक लाइन और वेरिएशन ने बल्लेबाज़ों को समझने का कोई मौका नहीं दिया। दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान पर खेले गए इस मैच में हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी ने कुंबले को नई ऊंचाई पर देखा। यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण थी और कुंबले के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाती है।

निष्कर्ष 

क्रिकेट के सबसे यादगार शॉट्स और ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स हमें यह सिखाते हैं कि खेल सिर्फ रन और विकेट का नाम नहीं है, बल्कि यह जुनून, मेहनत, और समर्पण की कहानी भी है। जब सचिन तेंदुलकर ने पहला दोहरा शतक लगाया, धोनी ने विश्व कप का विजयी छक्का मारा, या युवराज सिंह ने छह छक्के जमाए—ये पल सिर्फ आंकड़े नहीं थे, बल्कि करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित हो गए। यही कारण है कि क्रिकेट को "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है, क्योंकि इसमें खेल भावना, रोमांच और प्रेरणा का अनोखा संगम देखने को मिलता है।

ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स जैसे ब्रायन लारा की 400 रन की पारी या मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट, खिलाड़ियों की लगन और धैर्य का जीता-जागता प्रमाण हैं। यह दर्शाते हैं कि सीमाएँ केवल मानसिक होती हैं और निरंतर मेहनत से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

इन सभी शॉट्स और रिकॉर्ड्स का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इन्होंने क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी। ये क्षण हमें याद दिलाते हैं कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों—जैसे संघर्ष, अनुशासन और टीमवर्क—को सिखाने का माध्यम भी है।

इसलिए, चाहे हम मैदान पर खेल रहे हों या टीवी पर मैच देख रहे हों, हमें इन ऐतिहासिक पलों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में भी जुनून और समर्पण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। यही क्रिकेट का असली संदेश है। ✅

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