क्रिकेट की दुनिया में कुछ नाम ऐसे होते हैं, जो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि एक युग का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा ही दो नाम हैं — भारत के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन। इन दोनों के सम्मान में अब भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज़ का नाम 'पटौदी ट्रॉफी' से बदलकर 'Tendulkar-Anderson Trophy' रख दिया गया है।
ट्रॉफी नाम बदलने की घोषणा
बीसीसीआई और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने 14 जून 2025 को संयुक्त रूप से इस बदलाव की घोषणा की। दोनों बोर्ड्स का कहना है कि यह फैसला दोनों देशों के महान खिलाड़ियों को सम्मान देने और टेस्ट क्रिकेट की विरासत को नई पहचान देने के लिए किया गया है।
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास
1990 से लेकर 2023 तक भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ का नाम 'पटौदी ट्रॉफी' था। इसकी शुरुआत नवाब पटौदी सीनियर के सम्मान में हुई थी, जिन्होंने दोनों देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला था। मगर अब नए दौर और नए फैंस को ध्यान में रखते हुए इस ट्रॉफी का नाम दो सबसे बड़े क्रिकेट सितारों के नाम पर रखा गया है।
सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया
सचिन तेंदुलकर ने इस सम्मान पर खुशी जताई लेकिन साथ ही पटौदी ट्रॉफी की विरासत को याद रखने की बात भी कही। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए बड़े गर्व की बात है। मगर पटौदी साहब की विरासत हमेशा हमारे क्रिकेट इतिहास में जिंदा रहेगी।"
जेम्स एंडरसन का बयान
इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन, जो अब तक 700 से ज़्यादा टेस्ट विकेट ले चुके हैं, ने कहा, "भारत के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलना हमेशा खास रहा है। इस ट्रॉफी का नाम मेरे और सचिन के नाम पर होना बेहद सम्मान की बात है।"
फैंस और एक्सपर्ट्स की राय
सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ फैंस इसे टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छा कदम मान रहे हैं, तो कुछ पटौदी ट्रॉफी की पहचान खत्म होने से नाराज़ हैं। क्रिकेट एक्सपर्ट हर्षा भोगले ने कहा, "दो महान खिलाड़ियों का सम्मान होना चाहिए, मगर इतिहास को भुलाना नहीं चाहिए।"
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ 2025 शेड्यूल
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ 20 जून 2025 से शुरू होगी। पहला टेस्ट लॉर्ड्स में और अंतिम टेस्ट ओवल में खेला जाएगा। इसी सीरीज़ से 'Tendulkar-Anderson Trophy' की शुरुआत होगी।
क्यों चुना गया तेंदुलकर और एंडरसन का नाम?
तेंदुलकर और एंडरसन दोनों ने अपने करियर में टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाई दी।
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तेंदुलकर: 200 टेस्ट, 51 शतक, 15921 रन।
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एंडरसन: 700+ टेस्ट विकेट, इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज़।
इन दोनों का योगदान भारत-इंग्लैंड मुकाबलों में भी ऐतिहासिक रहा है।
क्रिकेट इतिहास में ऐसे बदलाव पहले भी हुए
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में कई ट्रॉफियों के नाम बदले जा चुके हैं। जैसे:
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Border-Gavaskar Trophy (भारत-ऑस्ट्रेलिया)
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Sobers-Taylor Trophy (वेस्टइंडीज-जिम्बाब्वे)
अब Tendulkar-Anderson Trophy भी उसी कड़ी में जुड़ गई है।
निष्कर्ष
भारत-इंग्लैंड टेस्ट मुकाबलों में अब नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 'Tendulkar-Anderson Trophy' के नाम से इस प्रतिष्ठित सीरीज़ का रोमांच और भी बढ़ जाएगा। दोनों दिग्गजों के नाम पर ट्रॉफी होना न केवल खिलाड़ियों के लिए गर्व की बात है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट को भी नया जीवन देगा।
आप इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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